गांव मिर्जापुर निवासी अशोक बाल्मीकि की 8 साल की बेटी रोशनी दीपावली वाले दिन गुरुवार को शाम करीब 5:45 बजे गांव में ही खेल रही थी। इसके बाद घर नहीं लौटी। इससे उसके स्वजन चिंतित हो गए। उन्होंने तलाश शुरू कर दी। मामले की सूचना थाना पुलिस को दी।

रात 2 बजे तक काफी खोजबीन के बाद बालिका नहीं मिली। दूसरे दिन शुक्रवार को गांव के ही चौराहा पर नहर किनारे खाई की झाड़ियों में एक प्लास्टिक का बोरा दिखा। ग्रामीणों ने उसे खोला तो बालिका को मृत देख उनके हाथ पांव कांप गए। इसकी जानकारी मिलते ही सैकड़ों ग्रामीण जुट गए।

पुलिस भी पहुंच गई। शव को सड़क पर रखकर ग्रामीणों ने हंगामा शुरू दिया। धीरे धीरे ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने पुलिस के विरूद्ध नारेबाजी भी कर दी। कुछ ही देर में सैंया और खेरागढ़ एसीपी पहुंच गए। ग्रामीणों को काफी समझाया, लेकिन वे आरोपित को मौके पर ही बुलवाने की मांग करने लगे।

पुलिस ने आश्वासन दिया कि वे जल्द ही खुलासा करेंगे। दोषी को पकड़कर कठोर सजा दिलाएंगे। लेकिन ग्रामीण नहीं माने। महिलाओं ने भी जमकर भड़ास निकाली। सभी लोग 8 वर्षीय बालिका की हत्या से दुखी थे।

हर कोई बस एक ही मांग कर रहा था कि हत्यारे को तत्काल सामने लाया जाए। इस पर पुलिस ने सीसीटीवी भी खंगाले। फुटेज के आधार पर कुछ संदिग्ध लोगों को भी हिरासत में लिया है।
