मुख्यमंत्री योगी जीरो टॉलरेंस पर काम करने का जोर दे रहे हैं। लेकिन उनके नुमाइंदे इसे पलीता लगाने में जुटे हैं। जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां एक ब्लॉक प्रमुख पर अभियोग खत्म कराने के लिए एक? मंत्री के नाम पर 10 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगा है। मामले में पीड़ित के शिकायती पत्र पर पुलिस कमिश्नर ने जांच करने के आदेश दिए हैं।
थाना मलपुरा के श्रीनाथपुरम कालोनी, नगला शंकरलाल निवासी राजकुमारी ने बताया कि उसके पति पर सिंचाई विभाग के कर्मचारियों को पीटने का अभियोग दर्ज हुआ था। मामले में पति विनोद कुमार जेल में थे। राजकुमारी ने मामले में एक ब्लॉक प्रमुख से सहायता मांगी। आरोप है कि प्रमुख ने उससे मामले को खत्म कराने के लिए 10 लाख रूपये की मांग कर दी। बोले, तुम्हारे पति को जमानत की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी। महिला उनके झांसे में आ गई। उसने दो बार में 10 लाख रुपये दे दिए। बावजूद इसके ब्लॉक प्रमुख ने उसकी कोई मदद नहीं की। उसे पति की जमानत करानी पड़ी। अब रुपया वापसी के लिए दोनों आरोपित टाल–मटोल करते हैं। तीन अगस्त को रूपये मांगने पर गाली–गलौज और मारपीट की। तगादा करने पर जेल भिजवाने की धमकी दी है। पीड़िता ने शिकायती पत्र के साथ रूपये हड़पने से जुड़ी 6 ऑडियो क्लिप भी दी हैं। मामले में पुलिस कमिश्नर ने पुलिस उपायुक्त पश्चिम को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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यह है पूरा मामला– गांव बरारा में 18 अप्रैल को सिंचाई विभाग के कर्मचारी नहर पर बनी अवैध पुलिया जेसीबी से तोड़ रहे थे। कालोनाइजर विनोद समेत अन्य लोगों ने उन पर हमला बोल दिया। कर्मचारियों को बंधक बना लिया। जेसीबी में तोड़फोड़ कर दी। मोबाइल फोन छीन लिये। विरोध करने पर जूतों से पीट डाला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उन्हें बंधक मुक्त कराया था। मामले जेई अमन जैन की तहरीर पर थाना मलपुरा में अभियोग दर्ज किया गया।
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ये लोग गए थे जेल–– पुलिस ने मुख्य आरोपित विनोद कुमार, नगला रेवती अभयपुरा निवासी सोवरन सिंह, नरीपुरा शाहगंज के राजकुमार, नगला भूरिया के अनिल चाहर और अभयपुरा के पूर्व प्रधान राधेश्याम को आरोपित बनाया था।