सुप्रीम कोर्ट के एक अगस्त को अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण में उपवर्गीकरण के आदेश को निरस्त करने के लिए भारत बंद का आह्वान किया गया है। इस संदर्भ में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी कार्यकर्ताओं से आंदोलन के रूप में कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं, बसपा के अलावा क्षेत्र के तमाम समाजसेवी बुधवार को थाना मलपुरा के गांव धनौली में सड़क पर उतर आए।
बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार उर्फ जीतू, अधिवक्ता ताराचंद, पूर्व जिला पंचायत सदस्य मुनेश देववाल, शिवदत्त पिप्पल, प्रमोद कुमार, अरुण कुमार कैन, बलवीर बौद्ध, सुरेंद्र बौद्ध, पूर्व बीडीसी सदस्य संजय, बबलू, बृजमोहन बौद्ध समेत सैकड़ों लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। वे हाथों में नीले झंडे थामे और जय भीम के नारे लगाते हुए खेरिया मोड़ की ओर निकल पड़े।
धनौली ग्राम पंचायत की प्रधान उमा कुमारी के पति लोकेश कुमार ने भी कार्यक्रम में दम दिखाई। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से एससी/एसटी वर्ग का अहित होगा। यह आंदोलन/प्रदर्शन किसी एक पार्टी का नहीं है। इसमें समाज के सभी लोगों की भागीदारी है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय पर अपने फैसले पर एक बार पुन: विचार करना चाहिए। साथ ही केंद्र सरकार से संसदीय दल की बैठक बुलाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निरस्त करने की मांग उठाई है।